आईटीआई और स्किल्स की ताकत: एक प्रेरणादायक सफ़र.
सफलता की पैमाना आम तौर पर ये होता है कि आप कितना कमा रहे हैं या किस पद पर हैं। पर क्या ये सही सही दृष्टिकोण है? समाज में ऐसा वर्ग भी है, जिसे “क्वालिटी” और “परफेक्शन” की अहमियत का सही मूल्यांकन नहीं मिलता। जैसे कि आईटीआई, (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) से निकले विद्यार्थियों का उदाहरण लें। उन्हें आमतौर पर उन छात्रों को कमतर आंका जाता है। लेकिन यह धारणा धीरे-धीरे बदल रही है, बदलते दौर के साथ प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री नहीं बल्कि स्किल को प्राथमिकता मिल रही है. आज के समय में आईटीआई से निकले छात्र भी बड़े पैकेज हासिल कर रहे हैं।
आईटीआई और सफलता की नई परिभाषा
आईटीआई से निकले छात्र अक्सर किसी फैक्ट्री में मैकेनिक या मशीन ऑपरेटर के पद पर काम करते हैं। उन्हें एक ऐसा कर्मचारी माना जाता है जो सिर्फ मशीनों के साथ काम करेगा और बड़े फैसले लेने में शामिल नहीं होगा। लेकिन यह धारणा पूरी तरह गलत है। आईटीआई के छात्रों में इतनी क्षमता होती है कि वे बड़े पैकेज और उच्च पद हासिल कर सकते हैं। इसका सबसे सटीक उदाहरण है 23 वर्षीय अवधूत पवार, जिसने आईटीआई की पढ़ाई पूरी की है। अगले कुछ हफ्तों में वह भारत में नहीं होगा, क्योंकि वह जर्मनी के केमेन नामक छोटे से कस्बे में शिफ्ट हो रहा है। वहां, वह एक विनिर्माण फर्म में 29 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर नौकरी जॉइन करेगा। यह पैकेज किसी भी प्रतिष्ठित कॉलेज से निकले छात्र के लिए भी एक सपना हो सकता है।
सरकार की पहल और अंतरराष्ट्रीय अवसर
महाराष्ट्र सरकार ने आईटीआई विद्यार्थियों की अंतरराष्ट्रीय आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए एक पहल शुरू की है। अवधूत पवार इस पहल के दूसरे बैच में शामिल है। यह पहल सिर्फ अवधूत तक सीमित नहीं है। लाखों विद्यार्थियों को इस पहल के तहत अवसर मिल रहे हैं। उनकी सैलरी 1 लाख से 29 लाख रुपये की रेंज में हो सकती है। उदाहरण के लिए, किसान के बेटे उमेश गवांड, जिनके पास इलेक्ट्रिशियन का सर्टिफिकेट है, उन्होंने भी जापान के फुकुओका में एक विनिर्माण इकाई में नौकरी जॉइन की है। इसके अलावा, सोलर टेक्नीशियन के रूप में प्रशिक्षित 45 छात्रों का एक बैच पहले ही सऊदी अरब में काम कर रहा है। इजराइल में भी निर्माण क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की मांग बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय अवसर और मांग
विकसित देशों में युवा श्रमिकों की भारी मांग है। जर्मनी, जापान, इजराइल, मध्य पूर्व, पश्चिमी यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश ऐसे योग्य और मेहनती युवाओं की तलाश कर रहे हैं, जो उनकी जरूरतों को पूरा कर सकें। वहां की कंपनियां सिर्फ क्वालिटी की मांग करती हैं और वे ऐसे कर्मचारी चाहते हैं, जिनका एटीट्यूड ‘चलता है’ वाला न हो। उन देशों में उत्पादकों और ग्राहकों के बीच परफेक्शन का एक अलिखित अनुबंध होता है। इसलिए वे ऐसे लोग चाहते हैं, जो काम में परफेक्ट हों और क्वालिटी को प्राथमिकता दें।
राज्य सरकारों का सहयोग
राज्य सरकारें कुशल कामगारों की अंतरराष्ट्रीय आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इंटनेशनल और विदेश मंत्रालय से स्वीकृत भर्ती एजेंसियों के साथ साझेदारी कर रही हैं। वे विदेशों के चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ भी साझेदारी कर रही हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य युवाओं को गुणवत्ता और कौशल के माध्यम से बेहतर अवसर प्राप्त करने में मदद करना है। सरकारें अधिकृत प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से छात्रों की चयन प्रक्रिया को सुगम बना रही हैं, जिससे धोखाधड़ी की आशंका भी लगभग शून्य हो जाती है।
सीखने की प्रक्रिया में उत्कृष्टता
सफलता की कुंजी यह है कि आप जो कुछ भी सीख रहे हैं, उसमें सर्वश्रेष्ठ बनने की कोशिश करें। अनुशासित रहें और कुछ अतिरिक्त कौशल भी सीखें, जैसे कि विदेशी भाषाएं। अंग्रेजी, जर्मन, जापानी जैसी भाषाओं का ज्ञान होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयन प्रक्रिया में आसानी होती है। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो आपको दूसरों से अलग बनाता है। आज के समय में, जब पूरी दुनिया एक वैश्विक गांव बन चुकी है, विदेशी भाषा का ज्ञान आपके लिए नए दरवाजे खोल सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अहमियत
अगर आप कौशल से भरे ज्ञान के अलावा और कुछ चुन रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप ऐसा क्षेत्र चुनें, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत ज्यादा अहमियत हो। आज के समय में, तकनीकी कौशल की मांग बहुत अधिक है। दुनिया भर में ऐसे लोगों की तलाश हो रही है, जो अपने काम में माहिर हों। अगर आप अपने काम में परफेक्शन ला सकते हैं, तो सफलता आपके कदम चूमेगी।
मानकों का निर्धारण
सबसे पहले, अपने मानक तय करें। ये मानक आपके काम की गुणवत्ता में बेंचमार्क सेट करेंगे और आपको अपनी सपनों की तनख्वाह के लिए योग्य बनाएंगे। सफलता की राह में क्वालिटी ही वह पुल है, जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाएगा। इसलिए, इस बात पर ध्यान दें कि आप जो भी करें, उसमें उत्कृष्टता प्राप्त करें।
निष्कर्ष
आईटीआई या किसी अन्य तकनीकी शिक्षा के माध्यम से आप अपने भविष्य को संवार सकते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप अपने काम में पूर्णता लाएं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय युवाओं की मांग बढ़ रही है, और यह एक सुनहरा अवसर है। राज्य सरकारें और अन्य संस्थाएं भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही हैं। अब बारी आपकी है कि आप इस अवसर का कैसे फायदा उठाते हैं।
सफलता के लिए सिर्फ तेज दौड़ने की नहीं, बल्कि सही दिशा में और सही तरीके से काम करने की जरूरत है। जब आप क्वालिटी पर ध्यान देंगे, तो सफलता आपके पीछे-पीछे आएगी। बस याद रखें, “चलता है” वाला एटीट्यूड छोड़ें और अपने काम में परफेक्शन लाएं। यही फॉर्मूला है आपकी सफलता का।